मेरी कलम के आंसू बहते है's image
Poetry1 min read

मेरी कलम के आंसू बहते है

js7430430js7430430 October 3, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads2 Likes
आये दिन हररोज,मेरी कलम के आंसू बहते है! 
सुबह से संध्या मेरे आंगन में,कलम के अक्षर खिलते है!! 
आये दिन हादसों से जब कलम हथेली पे रोने लगे, 
रोक नहीं पाता खुदको,मेरे भी आंसू बहते है!! 


जमीं -आसमां, तारों की तारीफ वह करते है, 
जो एक दफ़ा यहाँ ,दूसरी दफ़ा कहीं और चहकते है! 
मेरे शि

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts