Share0 Bookmarks 45625 Reads0 Likes
लालसा नही मुझे सत्ता की
ना लालच भोग विलास का
लहराती रही फसल हरी भरी
पालन होता रहे मेरे देश का ,
ये देश नही मेरा परिवार है
इसको पालना मेरा धर्म है
सोने ना पाये कोई भूखा
ये मेरा अन्तिम कर्म है ,
गर्मी हो या हो शीतकाल
मेहनत से न होता मै बेहाल
खुशियाँ लाएगा नया सवेरा
आस में रोज रोकता न चाल ,
मेहनत से बेटों को पढ़ाया है
सच का पाठ उन
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments