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कृष्ण तो कृष्ण है
किसी का आनंद है
तो किसी का संताप है
किसी का शत्रु है
तो किसी का मित्र है
कृष्ण तो अरूप है
श्याम तो उनका प्रतिरूप है
आस्तिकता भी वही है
और नास्तिकता भी वही है
कृष्ण काव्य है
कृष्ण विचार है
कृष्ण धारणा है
कृष्ण
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