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कोशिस मंजिल तक ( भाषण )

Jitendra MeenaJitendra Meena October 19, 2021
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मुझे पता था 
रास्ते कठिन होंगे ,
आसान नही होगा 
वहा पहुँचना , लेकिन 
मै भी तो जिद्दी था ,
मुझे भी तो जिद 
पूरी करनी थी ,

मुझे पता था 
रास्ते घुमावदार होंगे ,
मंजिल को खोजना मुश्किल होगा , लेकिन 
खोजना तो हर हाल में था 
मुझे मंजिल को ,

हर उस गलत रास्ते पर पहुँचा 
जहाँ नही पहुँचना था , 
रास्ते से अनजान था ,
कोशिस करता ही रहा 
मंजिल तक पहुचने की , 
आखिर अंत मे मंजिल का 
रास्ता मिल ही गया ,

मेरी कोशिस सफल हुई क्योकिं मैने कोशिस से हार नही मानी ,

मंजिल खुद ही ढूँढनी पड़ती है 
मंजिल कभी चलकर नही आती 
बस मंजिल खोजने वालों की कमी है ।

- जीतेन्द्र मीना ' गुरदह' 

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