
Share0 Bookmarks 141 Reads0 Likes
खामोशी है चारों ओर
खामोश हूँ मै भी
सब कुछ होता देख
शान्त हूँ मै भी
खामोशी है अनजानी सी
खामोशी है तूफानी सी
देख रहा मै खामोशी को
करता एक तमाशा
जैसे ! कर लिया हो खामोशी ने
बीड़ी सिगरेट का नशा
टूटेगी खामोशी क्या होगा
इस पल यही सोच रहा
होगी कितनी तबाही
बैठा यही गिन रहा
होगा कैसा मंजर
बैठा बैठा देख रहा
खामोशी है चारों ओर
खामोश हूँ मै भी ।।
© जीतेन्द्र मीना ' गुरदह '
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments