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कविताएं
संवार लेती है
व्यक्ति के भावों को
आदर्शों को ,
क्रूरता पन को ,
कविताएं
कोमल होती है
कितनी
जगह होगी
उस पंक्ति में, जिसमें
कविताएं समा जाती है ।
© जीतेन्द्र मीना , गुरदह
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