
Share0 Bookmarks 105 Reads0 Likes
रह जाती है बंजर भूमि कभी
कभी सूखा पड़ता है यहां,
गिरते ही सोने
जैसे एक बूंद आसमानी
छा जाती है हरियाली ,
पसीने से सीचता भूमि
जी तोड़ मेहनत करता है किसान ,
कुदरत का करिश्मा कहे इसे
या मेहनत किसान की ,
वर्णन कैसे करूं
किसान के पसीने का
मुझे समझ इतनी है
बस सार्थक जीवन है
एक किसान का ।
© जीतेन्द्र मीना , गुरदह
करौली ( राजस्थान )
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments