युँ न गुजरा करो ऐ सनम's image
Love PoetryPoetry1 min read

युँ न गुजरा करो ऐ सनम

Jitendra SinghJitendra Singh February 27, 2022
Share0 Bookmarks 30966 Reads0 Likes

युँ न गुजरा करो ऐ सनम

इस तंग दिल के गलियारे से,

तुम्हारे आने से ये गुलिशतां फिर से खिल उठते है,

जो है अगर अब भी मोहब्बत हमसे,

आकर इज़हार ऐ इश्क़ फिर से कर भी दो,

तड़पाओ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts