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कल तक जो साथ था, अब सिर्फ ख्वाबों में पास है,
जिसके बाँहों में था बसेरा, उससे मिलने की आस है,
दुनियाँ बदली या बदला सिर्फ तू, ये खबर नहीं मुझको,
जानता इतना ही हूँ की तुही मेरी प्यास तू ही सबसे खास है!!
बेवजह मुंह मोड़ कर यूँ चल तो दिया है तु,
बीच मझधार में कश्ती जो छोड़ गया है तु,
शायद तेरा इस तरह जाना भी एक अनायास ही है,
जानता इतना ही हूँ की तुही मेरी प्यास तू ही सबसे खास है!!
जाने अनजाने में हो गयी खता, अब जाने भी दे,
अनजानों सा रूखापन तेरा, मुझको न बिलकुल रास है,
तेरे बगैर किस कदर वीरान हुआ है हर मंजर मेरा,
क्यूँ न तुझे तेरे जाने का जरा सा भी तो एहसास है,
जानता इतना ही हूँ की तुही मेरी प्यास तू ही सबसे खास है!!!
:-Jeet
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