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सुन, तेरी मासूमियत

Jitendra SinghJitendra Singh February 18, 2022
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सुन, तेरी मासूमियत आज

फ़िर क़ोई कमाल कर गयीं

पायल की झनक

दिल की बस्ती में नया बवाल कर गयीं,

और फिर मुस्कुराना भी ज़रूरी था क्या

तेरा मुझे युँ देख कर,

होश संभालें ही थे

की तेरी खिलखिलाहट फिर बेहाल कर गयीं॥



~Jeet

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