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Kumar VishwasPoetry1 min read

दुनियाँ से रूबरू होने का ख्याल

Jitendra SinghJitendra Singh October 11, 2021
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दुनियाँ से रूबरू होने का ख्याल या तेरे जाने का मलाल,

किसी नये के आने की उम्मीद या पीछे छूटे कुछ सवाल,

हर पल बेताबी और रगों में दौड़ता उबाल,

हूँ अभी भी वही मैं लहु मेरा अब भी लाल,

लौट कर आना तेरा मुमकिन नहीं ये खबर है मुझको,

पर दिल .....छोड़ो इसका क्या ये तो युहीं रहता बेहाल.....!!!!!

:- जितेन्द्र सिंह सम्पत

 


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