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साथ बैठे जरुर है मगर चुप चुप से,
इंतज़ार की कब खुद ही के विचारों पे युद्ध विराम लगे,
वैसे तो मसले है जिंदगानी में कई,
अब यही देख लीजिये भूख लगी है पर खाने की नहीं!!
:- जीत राठौड़
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साथ बैठे जरुर है मगर चुप चुप से,
इंतज़ार की कब खुद ही के विचारों पे युद्ध विराम लगे,
वैसे तो मसले है जिंदगानी में कई,
अब यही देख लीजिये भूख लगी है पर खाने की नहीं!!
:- जीत राठौड़
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