Share0 Bookmarks 43377 Reads1 Likes
कैसी होगी वो मिलन की शाम, जब होगी तू मेरे पास,
सूरज की बंद होती नजरों के सामने क्या मैं तुझे कह पाऊंगा कि क्या है तू मेरे लिए, क्या कुछ कह भी पाऊंगा या हो जाऊंगा हर बार की तरह चुप। कितनी तैयारी के साथ आता हूं मैं हर बार की कह दूंगा तुझे जो है दिल मे मेरे, पर जब तू मेरे सामने आती है तो मैं तुझ में ही
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments