
जिंदगी के जंग में,
तु लाखो बार तंग होगा,
पलभर के लिए खुशी,
तो हजारों बार रंज होगा।।
धारा पे धरा पैर ,
तब से बैर शुरू हो गया,
जिंदगी के रहगुज़र में ,
सैर शुरू हो गया,
बाधाएं तेरे सामने ,
खड़ि है हिमवान सा,
तु भिड़ के विवेक से ,
हटा दे हनुमान सा,
अपने ही लहू से वो प्यारे ,
बार बार जंग होगा!
पल भर के लिए खुशी ,
तो हजारों बार रंज होगा।।
आहत न होना उनसे कभी ,
जो तुम्हारे पास हो,
हार से हताश न हो ,
न कभी उदास हो,
प्यार से प्रहार कर ,
कुठार दरकिनार कर,
शिकारी न पुजारी बन ,
के पुज पुज पार कर,
इसी का परिणाम प्यारे ,
हर जहाँ में संग होगा!
पल भर के लिए खुशी ,
तो हजारों बार रंज होगा।।
हर रंग में रंगा रहे ,
ता उम्र भर बना रहे,
निराशा तुझे दर्द न दे ,
इसलिए सना रहे,
सन मार्ग कि डगर पकड़,
न कभी कहीं भी अकड़,
नम्र बन के देख तेरा ,
देश ये अखंड होगा!
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