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नैना नीश दिन बांट निहारें।
ले जाओगे कब तक आ कर,
रसिया हमरे प्रियतम प्यारे ।।
रहीं न उमरिया की मैं थोरी,
गई गवन सब साथ की गोरी,
आस में सांस चलें थम जाए,
देर भए कहा श्याम हमारे।।
नैहर तन यह बोझ है लागे,
औ ससुराल की मैं हूं अभागे,
आजा श्याम सलोने सजना,
भव के दूजा तुम्ही किनारे।।
आंख मिचौली सहा नहीं जाए,
जोहत बाट नयन पत्थराए,
हाथ सुमिरनी लेंकर अब तो,
मंजर आठों याम पुकारें।।
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