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कांधे से कुदाली गयी

janmejay ojha " manjar"janmejay ojha " manjar" March 17, 2023
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छोड़ि खेती-बाड़ी भागे शहरों में दौड़ी रे, 
कांधे से कुदाली गई बैलों की जोड़ी रे,।।
गांव सुना सान हुआ खेत खलिहान रे, 
महंगी मंजूरी हुई बचें न किसान रे, 
बिना रे दयानत हुईं दुनिया निगोड़ी रे, 
कांधे से कुदाली गई….
सुविधा के लोभी होते जाते इन्सान रे,
आज के जमाने में हैं पैसा भगवान रे, 
पैसों के लिए है दूध चल जातें डेयरी

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