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हां , ये दुनिया उसे मां कहती हैं
प्यारी सी सूरत , ममता की मूरत
जिसे ये सृष्टि प्रणाम करती है
शब्द कम पड़ जाते तारीफ में
कलम भी जिसे प्रणाम करती है
हां , ये दुनिया उसे मां कहती हैं
सपनों और इच्छाओं को अपने ,
अपनों के लिए कुर्बान करती है
ख
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