नींद's image
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चांद और चांदनी 
रात आने की बाट जोहते हैं
और मेरी आंखों में नींद 
आती नही
मेरी आंखें खुली रहती है 
इन्तजार में रात भर पर तुम
आती नही
बसन्त अब भी आता है 
अमराई में कोयल पर अब
गाती नही
तुम पर हक नही है लेकिन 
उन यादों का क्या करें जो
जाती नही 
रुसवा जिंदगी हो गयी 
और मौत भी बेवफा जो 
आती नही 

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