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बसन्त
मौसम ने ली करवट
शीत हुयी रुखसत
पतझड को विदा कर
बसन्त ने दी दस्तक
पीली पीली सरसों फूली
झूम रही डाली डाली
कोयलें कूकीं मस्ती में
चली पवन मतवाली
भ्रम के अंधेरे दूर कर
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