Share0 Bookmarks 36770 Reads0 Likes
योगेंद्र सिंह यादव की ज़िंदगी के बारे में बताने जा रहा हूं ।
कारगिल की जंग में जो इन्होंने बहादुरी का काम किया था उसे शब्दों में प्रभु, नीलू दीदी और मेरी मां से कह के लिखवाने जा रहा हूं।
फौज में जाना इनका था शुरू से ही अरमान।
उम्र थी उस वक्त इनकी सिर्फ़ 19साल।
ऐक दिन देश की सेवा करूंगा दिल में रखा था इन्होंने ठान।
इनकी शादी को हुऐ थे अभी सिर्फ़ 2महीने।
पाकिस्तान के इरादे थे बड़े कमीने।
19गोलियां अपने शरीर के हर हिस्से पे खाई।
लेकिन मौत भी इनका कुछ ना बिगाड़ पाई।
योगेंद्र सिंह और इनके साथियों के जज्बे के कारण तिरंगे पे कोई आंच ना आई।
दुश्मनों ने पूरी दरदिंगी दिखाई।
श
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments