
आज सिद्धू मूसेवाले की अंतिम अरदास कर दी जायेगी ।
एक और आखरी विदाई नम आंखों से सिद्धू मूसेवाले को दी जायेगी ।
अंतिम अरदास खत्म होने के बाद सब लोग अपने अपने घर चले जाएंगे ।
घर में सिद्धू मूसवाले के अकेले बूढ़े मां बाप रह जाएंगे ।
सब लोग सिद्धू मूसवाले की आज कर रहे होंगे बातें ।
अब सिद्धू मूसेवाले के मां बाप के पता नहीं कैसे दिन कटेंगे कैसे कटेंगी रातें ।
अगले महीने होने वाली थी सिद्धू मूसेवाले की शादी ।
अभी तो ज़िन्दगी सिद्धू मूसेवाले ने जीई भी नहीं थी अपनी आधी ।
कहता था सिद्धू मूसेवाला मौत से मैं क्यों डरूं ।
मेरा दिल जो कहता वो काम हमेशा मैं करूं ।
जब जिसकी लिखी उस दिन उस इंसान की मौत आ जायेगी ।
जहां मर्ज़ी इंसान छुप जाये मौत इंसान को अपने साथ ले ही जायेगी ।
इंसान के चले जाने के बाद ये दुनियां तो बस तरह तरह की बातें बनायेगी ।
अपनी ही ज़मीन पर सिद्धू मूसेवाले की आखरी निशानी बना दी गई ।
एक मां की कोख क्यों उजाड़ दी गई ।
सिद्धू मूसेवाले के रूप में मां बाप के बुढ़ापे की आखरी लाठी हमेशा हमेशा के लिये क्यों तोड़ दी गई ।
गाने तो सिद्धू मूसेवाले के ही सुने जाएंगे ।
क्योंकि सिद्धू मूसेवाले जैसे गायक फिर कभी नहीं इस ज़माने में आएंगे ।
प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां मिलकर अपने बेटे सनी से अभी पता नही क्या क्या लिखवाएंगे ✍️
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