
युगों युगों से लोग जिन्हें कहते आ रहे है गुरु सरबंसदानी।
मैं तो क्या कोई बड़े बड़े लेखक भी नहीं लिख पाएंगे महान गुरु गोबिंद सिंह जी की ज़िन्दगी की सारी कहानी।
प्रकाश पूर्व आज महान गुरु गोबिंद सिंह जी का आया।
सब गुरद्वारों को अच्छी तरह से गया है सजाया।
देखते है प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर अपने बेटे सनी से आज क्या है लिखवाया।
छोटी सी उम्र में अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी को गुरु गोबिंद सिंह जी ने हिंदू धर्म को बचाने के लिये घर से भेज दिया ।
जब मुश्किल वक्त आया सिख कोम पर तब वो गुरु गोबिंद सिंह जी ही थे जिन्होंने अपना सारा वंश कुर्बान कर दिया।
वो गुरु गोबिंद सिंह जी ही तो थे जिन्होंने 1699ईसवी मे खालसा पंथ की स्थापना की थी।
ज़ुल्म के खिलाफ़ लड़ने के लिये अपनी पूरी फौज़ त्यार की थी।
क्योंकि गुरु गोबिंद सिंह जी कहते थे ज़ुल्म के आगे कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहि
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