केस पे केस दर्ज़ हो रहे।
जिन मां बाप के जवान बच्चे इस चिट्ठे के नशे में चले गये वो तो आज भी इंसाफ़ की मांग कर रहे।
बड़े बड़े नेता और बड़े बड़े पुलिस अधिकारी जब खुद नशा बिकवाते।
नशे को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिये सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल तक करवाते।
तो नौजवान नशे की दलदल में कैसे ना फंस जाते।
जगदीप भोला को पंजाब पुलिस ने जब नशा बेचने के आरोप में पकड़ा।
पिछले कई सालों से पंजाब के नौजवानों को नशे ने पूरी तरह से हुआ है जकड़ा।
अफ़ीम और चुरा पोस्त के नशे की कहानी हुई पुरानी ।
नशे ने बर्बाद करदी पंजाब की काफ़ी हद तक जवानी।
साफ़ कपड़े पहनने वालों से कोई सवाल ना करता।
जगदीप भोला क्यों शरेआम बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम लेने से बिल्कुल ना डरता।
किस के इशारों पे आज भी पंजाब में जानलेवा नशा बिक रहा है।
पुलिस के कई अफ़सर भी साथ मिले हुऐ है ये साफ़ साफ़ दिख रहा है।
अगर पुलिस अपनी आई पे आ जाये।
नशा बिकना तो दूर मंदिर,और गुरुद्वारे के बाहर से एक चपल तक चोरी ना हो पाये।
ईमानदार पुलिस वालों का अक्सर कर दिया जाता तबादला।
और अगर फिर भी कोई ईमानदार अफ़सर
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