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मतलबी रिश्तों की दास्तान एक कड़वा सच

JAGJIT SINGHJAGJIT SINGH March 21, 2022
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आज हमारे देश की किसी भी नदी का पानी नहीं रहा साफ़। 

क्यों की आज कल के कई लोगों के दिलों में भर गया बहुत पाप।


आज कल ज्यादातर लोग सिर्फ पैसों से रिश्ते चलाते।

जिसके पास पैसा नहीं उसे अपने घर तो छोड़ो उसे कभी सीधे ढंग से भी नहीं बुलाते।


वक़्त रहा नहीं सनी लोगों के पास इस लिऐ जब कोई ये दुनिया छोड़ के चला जाएं।

लोग उसे जल्दी से जल्दी जलाएं।


मैंने ऐसे लोग भी देखे है जो मरने वाले का अफसोस तक ना मनाते।

 मरने वाले की ज़मीन और पैसों से उसके खुद के बच्चे और रिश्तेदार अपनी नज़र ना हटाते।


आज कल के इंसान बटवारे को लेकर अपने खून के रिश्तेदारों से रूठ जाते।

सब कुछ हमें मिल जाएं इस सोच के साथ सालों पुराने रिश्ते यहां पल भर में टूट जाते।


मरने वाले इंसान की याद में एक साल बाद फिर उसकी याद में भगवान के घर जाते, लंगर लगाते।

अपने ही अपनों को वहां सीधे मुंह ना बुलाते। 


ऐक दूसरे पे मां बाप की ज़मीन जायदाद धोखे से हड़पने का इल्ज़ाम लगाते।

 झूठी रिश्तेदारी सिर्फ दुनिया दिखावे के लिऐ निभाते।


और कुछ ऐसे भी होते जो मरने वाले के जाने के बाद पूरी तरह से टूट जाते।

याद करके वो इस दुनियां से जाने वाले को वो डिप्रेशन से बाहर कभी निकल ना पाते ।

जाने अनजाने जो गुनाह उनसे हुऐ होते है वो उन्हें सोच सोच कर अकेले में बहुत रोते और पछताते ।


कब तक इंसान पैसों और ज़मीन के लिए इतना गिरेगा।प्रभु को तो सबका ऐक ऐक गुनाह दिखेगा।


प्रभु आपने,नीलू दीदी और मां ने मिलकर आज सनी से क्या लिखवा दिया ।

ये सब सच में होता है आपकी दी हुई कलम ने ये बता दिया।

पैसों और ज़मीनों ने भगवान के बनाए इंसान को इतना कैसे गिरा दिया✍️

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