मां की यादें ना दिन कटता है मेरा ना कटती है राते ।
March 22, 2022प्रभु और नीलू दीदी आज मुझे इतनी हिम्मत देना। आपकी कलम से अपनी मां के लिये एक प्यार भरी कविता लिखवा देना।
मां तेरी ममता की मैं कभी पूरी लिखूं ना पाऊंगा कहानी।
तुझे याद करके आज भी मेरी आंखों में आ जाता है पानी।
तीन तीन बेटियों के होने के बाद मां तूने कई लोगों के ताने थे उस वक्त सुने।
मुझे पाने के लिये मां तूने कई गुरद्वारे,मंदिर थे उस वक्त चुने।
उस वक्त मुझे पाने के लिये लोगों ने पता नहीं कहा कहा माथा टेकने के लिये मां तुझे भेजा।
ऐसी कोई जगह नहीं मां जहां तूने मुझे पाने के लिये माथा नहीं टेका।
हर किसी के सुख दुःख में मां तू जरूर थी जाती ।
सच कहता हूं मां तेरी याद आज भी बड़ी है आती।
9महीने तूने मुझे अपनी कोख में रखा था।
तीन तीन बेटियों हुई थी पहले ।
लोग ताने देते रहे मां तुझे कैसे तूने इतना सब्र उस वक्त अपने अंदर रखा था।
मां तेरी वो सबसे बड़ी बात बताना।
जब मैंने अपने बेटे सनी को अपनी छाती से लगा के अपना दूध पिलाना।
मां कहती है प्यार से मैंने सनी के सर पे अपना हाथ घुमाना।
सारा दिन उसे अपने गले से लगाना।
सनी तेरे पैदा होने के बाद ऐसा लगता था जैसे इस दुनियां की सबसे बड़ी खुशी तेरी मां को मिल जाना।
बचपन से लेकर बड़े होने तक मेरे कपड़े साफ़ होने के बावजूद पता नहीं कितनी बार कपड़े बदलवा देती थी।
मुझे हर जन्मदिन पर दिल से अपनी दुआएं देती थी।
जब भी मैंने थक कर काम से घर आना।
मां ने खुद जितनी मर्ज़ी बीमार होना लेकिन मुझे गर्म गर्म खाना बना के खिलाना।
मां तेरे हाथ की बनी अब दाल सब्ज़ी नही बनेगी।
जहां मर्ज़ी खाना खा लूं मां मुझे तेरे
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