हर कवाली की जो थे शान।
बहुत ही सुरीली आवाज़ के मालिक नुसरत फतेह अली खान साहब की आज ही के दिन चली गई थी जान।
कवाली गाने वाले तो कई आये।
लेकिन नुसरत फतेह अली खान साहब की जगह कोई ना ले पाये।
पिता चाहते थे नुसरत साहब को डॉक्टर बनाना।
लेकिन इनकी कमाल की कला को इनके पिता ने एक दिन अच्छे से पहचाना।
जब एक बार (मुनावर अली खान)को पाकिस्तान पड़ा था जाना।
लेकिन अच्छा तबला बजाने वाला उन्हें ना मिल पाना।
तब नुसरत साहब के पिता जी ने मुनावर अली से अपने बेटे नुसरत को मिलवाना।
लेकिन उस वक्त नुसरत साहब को इतना मोटा देख के मुनावर साहब ने इनका मज़ाक उड़ाना।
ऐसा तबला बजाया नुसरत साहब ने की मुनावर खान को कहना पड़ा था कैसा है ये बच्चा जो आज मुझे हराने वाला।
बहुत जल्दी ये पूरी दुनिया के लोगों के दिलों पे ये बच्चा राज करने वाला।
10,10घंटे नुसरत साहब ने रियाज़ करना।
आज भी लोगों का इनकी कव्वालियां सुनके
मन नहीं भरना।
एक बार रा
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