
स्विंग गेंदबाज़ी के जो थे किंग ।
जन्मदिन है जिनका आज नाम है उनका हरभजन सिंह।
साल 2000में इनके पिता का इस दुनियां से चले जाना।घर की पूरी जिम्मेदारी का भार हरभजन सिंह के कंधो पे आ जाना।
अकेले अपनी चार बहनों का घर बसाया।
पूरी दुनिया में अपना नाम बनाया।
पैसा भी हरभजन सिंह ने बहुत कमाया।
अच्छे अच्छे बल्लेबाज़ों को अपनी गेदों पे नचाया।
कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत ही तो हरभजन सिंह को टीम इंडिया में खेलने का मौका मिल पाया था।
सौरव गांगुली ने भी इनका बहुत साथ निभाया था।
इनकी गेंदबाजी ने ही तो इनको टर्बनेटर का नाम दिलाया था।
रिंकी पोंटिंग को इनका नाम अच्छे से हो गया था याद।
क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में 10बार आउट करने का किया था हरभजन सिंह ने काम।
पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को उस वक्त कुछ समझ ही नहीं आया था।
जब साल 2001में हरभजन सिंह की गेंदबाजी ने कहर बरपाया था।
हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड उस वक्त इन्होंने बनाया था।
अनिल कुंबले और हरभजन सिंह का साथ।
हर कोई टीम इनकी गेंदबाज़ी से उस वक्त हो जाती थी बड़ी परेशान।
वनडे इतिहास में दो शतक इन्होंने लगाये।
टेस्ट क्रिकेट में 417विकेट अपने नाम करवाये।
कभी शाहिद अफरीदी से इन्होंने भिड़ जाना।
तो कभी शोएब अख्तर से बहस शुरू हो जाना।
सचिन तेंदुलकर ने और बाकी टीम ने कई बार इन्हें समझाना।
लेकिन विवादों से हरभजन सिंह का रिश्ता रहा है पुराना।
रॉयल स्टैग शराब का खुले बालों में इन्होंने विज्ञापन किया।
सिख समुदाय ने इनका बहुत विरोध किया।
अकाल तख्त से मांगी थी इन्होंने माफ़ी।
हरभजन सिंह के विवाद है काफ़ी।
एंड्रयू साइमंड्स ने इनके ऊपर बंदर कहके बुलाने का आरोप लगाया।
3मैचों का इनपे बैन लगाया।
जब भारतीय टीम ने इसका विरोध जताया।
फिर जाके इनपे लगा बैन हटाया।
फिर आईपीएल में श्रीसंत को इन्होंने थपड़ जड़ा था।
तब ये विवाद बहुत बढ़ा था।
हरभजन सिंह है बड़े अलग इंसान।
इनके जन्मदिन पे प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां सनी से लिखवा रहे इनकी ज़िंदगी की दास्तान✍️
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