
भारतीय टीम में जो एक ऑलराउंडर की भूमिका निभाते। प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां का आशिर्वाद मिलते ही लिखने के लिये हाथ सनी के अपने आप चलने लग जाते।
आज बात करेंगे जिनका नाम है रविंद्र जडेजा।
आज इनकी मेहनत,लगन और मां बाप की दुआओं ने इन्हें कामयाबी की बुलंदियों तक भेजा।
बाएं हाथ के है ये बल्लेबाज़ और बाएं हाथ के है गेंदबाज।
ग्राउंड में तलवार चलाने का इनका अपना ही है अलग अंदाज़।
मुश्किल भरा इनकी ज़िन्दगी का सफ़र रहा।
एक समय ऐसा भी आया जब कोचिंग लेने ये ऑलराउंडर एकेडमी तक ना जा सका।
फिर इनकी मां के किया एक फैसला।
करवा दिया इनकी मां ने क्रिकेट एकेडमी में इनका दाखिला।
फील्डिंग करते वक्त रविंद्र जडेजा ऐसा थ्रो लगाते।
बल्लेबाज़ लाख कोशिश करने के बाद भी रन आउट होने से खुद को बचा नहीं पाते।
करोड़ों की है आज इनकी कमाई।
जो सपने देखा करते थे जडेजा वो सब
महंगी महंगी गाडियां इनके घर आई।
प्रभु की इतनी भारी कलम पता नहीं क्या सोच के नीलू दीदी ने मेरे हाथों में पकड़ाई।
मां ऐसा कोई पल नहीं जब आपकी याद नहीं आई।
छोड़ के चली गई मां तू अपने सनी को ये कैसी मां तूने मुझे अकल मुझे सिखाई✍️
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