Happy Birthday kumar Vishwas's image
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जिनकी कविताओं ने हर किसी को अपना दीवाना बनाया  

 कविताओं के जादूगर कहे जाने वाले डॉ कुमार विश्वास का आज जन्मदिन है आया ।

चलो देखते है इनके बारे में भी प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर अपने बेटे सनी से क्या लिखवाया ।


1970में डॉ कुमार विश्वास का जन्म था हुआ ।

अपनी मेहनत और लगन से डॉ कुमार विश्वास ने कामयाबी की सारी बुलंदियों को छुआ ।


पिता इनके चंद्रपाल शर्मा और इनकी मां रमा शर्मा ने मिलकर डॉ कुमार विश्वास को अच्छी शिक्षा दिलाई ।

मां बाप की दुआओं की बदौलत ही तो कुमार विश्वास को अपनी ज़िन्दगी में ढेर सारी कामयाबी मिल पाई ।


डॉ कुमार विश्वास के पिता इन्हें इंजीनियर बनाना थे चाहते।

लेकिन डॉ कुमार विश्वास तो कविताओं की दुनियां में अपना नाम बनाना थे चाहते ।


मात्र 24 वर्ष की उम्र में कुमार विश्वास ने हिंदी साहित्य के स्टेट प्रवक्ता बन जाना ।

फिर डॉ कुमार विश्वास ने राजस्थान के एक कॉलेज में हिंदी प्रवक्ता के रूप में नौकरी करने चले जाना ।


जहां इनकी मुलाकात पहली बार इनकी पत्नी मंजू से हुई ।

दोनों की मोहब्बत उसी कॉलेज से शुरू हुई ।


कुमार विश्वास अक्सर मंजू के लिये कविता बनाते ।

साथ में अपने प्यार का रस मिलाकर मंजू को सुनते ।


जो करते है किसी की इबादत सच्चे दिल से वो ही तो फिर ढेर सारी नगमें,गज़ले और कविताएं लिख कर दिखाते।

जिसके बाद पढ़ने और सुनने वाले सुनते और पढ़ते ही रह जाते ।


धीरे धीरे डॉ कुमार विश्वास और मंजू का प्यार आगे बढ़ा। 

लेकिन जब बात शादी तक आई तो अलग अलग जाती होने के कारण दोनों को अपने घरवालों के गुस्से का शिकार होना पड़ा ।


फिर दोस्तों की मदद से दोनों ने अपना घर बसा लिया ।

घरवालों ने डॉ कुमार विश्वास से और मंजू के घरवालों ने भी मंजू से किनारा कर लिया ।

लेकिन कुछ वक्त बाद मंजू ने अपने घरवालों को और जब पहली बेटी पैदा हुई इन दोनों के घर तो डॉ कुमार विश्वास के भाई बहनों ने अपने पिता को मना लिया ।


एक समय वो भी रहा जब डॉ कुमार विश्वास ने आम आदमी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था ।

पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ़ इनसे चुनाव लड़वाया था।


लेकिन इस चुनाव में राहुल गांधी थे जीते ।

इतने मन मुटाव हो गये थे डॉ कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के बीच में रिश्ते हो गये इनकी दोस्ती के बिलकुल फीके।


अक्सर अपनी कविताओं में अपनी पार्टी को लेकर डॉ कुमार विश्वास कविता सुनाते।

जिसे सुनकर लोग हंसते भी बहुत है और खूब सारी तालियां बजाते।


एक से बढ़कर एक डॉ कुमार विश्वास ने कविता लोगों को सुनाई ।

लेकिन कोई दीवाना कहता कोई पागल कहता है ये कविता तो लोगों को हद से ज्यादा पसंद आई।

प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर अपने बेटे सनी से सुबह की पहली पोस्ट डॉ कुमार के जन्मदिन पर लिखवाई✍️

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