जिन्होंने सबसे पहले अपनी टीम और इस देश को साल 1983में वर्ल्ड कप था दिलाया।
देखते है आज प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर क्रिकेट की दुनियां के सबसे खतरनाक गेंदबाज और बल्लेबाज़ कपिल देव के बारे में अपने बेटे सनी से क्या लिखवाया।
1983वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम का कई लोगों ने खूब मज़क था उड़ाया।
अपने शहर चंडीगढ़ का इन्होंने गौरव था बढ़ाया।
जब इन्होंने देश वासियों के सपने वर्ल्ड कप को जीत के दिखाया।
उस समय वेस्ट इंडीज टीम को तो कुछ समझ ना आया।
क्योंकि लगातार 3बार वर्ल्डकप जीतने का उनका सपना पूरा ना हो पाया ।
जिम्बावे के साथ वो यादगार मैच कोई ना भुला होगा।
किसे पता था ये मैच बीबीसी की हड़ताल के कारण किसी भी कैमरे में कैद ना होकर सिर्फ़ इतिहास के पन्नों में दर्ज़ होगा।
अभी तो कपिल देव नहा कर बाहर भी नहीं आये थे।
जब भारतीय टीम ने 9रन पर अपने 4बेहतरीन बल्लेबाजों के विकेट गवाएं थे।
सुनील गावस्कर और श्रीकांत तो अपना खाता भी ना खोल पाएं थे।
उसके बाद अमरनाथ 5,और संदीप पाटिल सिर्फ़ 1रन बनाकर वापिस पवेलियन आये थे।
यशपाल शर्मा भी कुछ खास कमाल ना दिखा पाये थे।
मुश्किल में टीम खड़ी थी(17/5)।
टीम को इस मुश्किल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी कपिल द
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