
हमारे प्यारे भांजे कबीर का आज पहला जन्मदिन आया ।
एक नानी ने अपने दोत्ते के लिये प्यार भरे कुछ शब्दों को अपने बेटे सनी से लिखवाया ।
सबसे पहले नानी दे रही है अपनी बेटी मोना और अपने बेटे जैसे दामाद प्रिंस को बहुत बहुत बधाई ।
नानी आज भी सपने में आकर अक्सर कहती है मेरे कबीर की याद मुझे बड़ी आई ।
पिछले साल इसी दिन मेरी बेटी मोना और दामाद प्रिंस के घर कबीर के रूप में खुशी थी आई ।
वो पल थे बड़े खास ।
जन्मदिन है पहला कबीर सोच रहा होगा मेरी नानी क्यों नहीं मेरे पास ।
आज भी जब भी कोई कबीर से नानी कहा है के बारे में पूछता है ।
देखता है कबीर अपनी नानी की तस्वीर और मुस्कुराने लगता है।
कभी कभी तो अपनी नानी की तस्वीर के साथ कबीर बातें करने लग जाता है ।
मुस्कान है कबीर की इतनी प्यारी हर किसी से कबीर को ढेर सारा प्यार बिना मांगे मिल ही जाता है ।
सोचा तो कबीर ने भी नहीं था उसकी नानी इतनी जल्दी प्रभु के पास चली जायेगी ।
इतनी दुआओं से मांगा था प्रभु से मुझे मेरी नानी भी मेरे भाई आरुष की तरह अपनी गोद में खिलायेगी ।
लेकिन कहते है होता वही है जो प्रभु को होता मंजूर ।
अपने एक साल से भी कम बेटे से दूर जाना पड़ा उस बाप के बारे में भी सोचता हूं मैं कई बार जरूर ।
अपनी बेटी मोना के लिये मां कहती है मोना बेटी अब तुम मुझे याद करके आंसू बहाना छोड़ दे ।
मेरी जगह अब तू जल्दी से जल्दी संभाल ले ।।
हर किसी को समझाने की कोशिश कर ।
मानती हूं मुश्किलें तेरी ज़िन्दगी में भी बहुत ज्यादा है लेकिन एक बार तू प्यार से अपनी मुश्किल का हल कर ।
प्रभु,नीलू दीदी कहते है मुझसे रोज़ सनी बेटे अपनी आखरी सांस तक तू लिखने का काम जरूर कर ✍️
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