
क्रिकेट की दुनियां में जिन्हें दादा के नाम से जाना जाता।भारत के सबसे सफ़ल कप्तानों की जब भी हो बात सौरव गांगुली का नाम जरूर आता।
आज सौरव गांगुली का जन्मदिन आया है।
देखते है प्रभु नीलू दीदी और मेरी मां ने आज अपने बेटे सनी से सौरव गांगुली के बारे में क्या लिखवाया है।
चलो लिखने की करते है शुरुवात।
बताते है इनके जीवन की छोटी से छोटी बात।
सौरव गांगुली का शाही घर में जन्म हुआ था।
घर वालों के पास उस वक्त भी पैसा बहुत था।
शुरुवात के दिनों में सौरव गांगुली का फुटबॉल खेलने जाना।
फिर अपने बड़े भाई के कहने पर सौरव गांगुली ने क्रिकेट खेलने पे ध्यान लगाना।
किसे पता था किस्मत ने इन्हें कहा लेकर जाना।
जब इनको टीम इंडिया में जगह मिली थी।
परिवार के साथ साथ पूरे बंगाल के लिऐ ये बात बहुत बड़ी थी।
बल्लेबाज़ी थी इनकी बड़ी कमाल।
गेंदबाज़ी में भी थी इनकी पूरी धार।
सचिन तेंदुलकर के साथ मिलके इन्होंने हर मैच में ओपनिंग करनी।
अच्छे अच्छे गेंदबाजों की मिलके इन दोनों ने धुलाई करनी।
हर टीम सौरव गांगुली से की बल्लेबाज़ी से हो जाती थी परेशान।
क्रीज से बाहर निकल के छक्का मारने को सौरव गांगुली समझते थे अपनी शान।
गुस्सा सौरव गांगुली को आता था बड़ा ज्यादा।
जब ये गुस्से में होते थे कोई भी खिलाड़ी इनके पास नहीं t था जाता।
सचिन तेंदुलकर ने कई बार इन्हें समझाना।
कई रिकॉर्ड सौरव गांगुली ने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलके बनाना।
कोच ग्रेग चैपल के साथ हुआ था इनका बहुत विवाद।कैमरे के सामने खुल्के आई चैपल के साथ इनकी तकरार।
लॉर्डस के मैदान में जब भारत जीता शर्ट उतार दी थी सौरव गांगुली ने बिना सोच विचार।
2003वर्ल्ड कप में भारत को मिली ऑस्ट्रेलिया से करारी हार।
तब भी थे सौरव गांगुली कप्तान।
तब कई लोगों ने उठाये इनकी कप्तानी पे सवाल।
आईपीएल में भी खेलते हुऐ ये आये नज़र।
लेकिन बढ़ रही उम्र का साफ़ दिखा इनकी बल्लेबाज़ी पे असर।
फिर क्रिकेट से इन्होंने लिया संन्यास।
बन गये बीसीसीआई के प्रधान।
सौरव गांगुली तो रहे है अपने वक्त के महान बल्लेबाज़ और कप्तान।
हार्ट अटैक जब इन्हें आया था।
सुनके इनके घरवालों और प्रशंसकों का दिल बहुत घबराया था।
कई दिनों तक डॉक्टरों ने सौरव गांगुली का इलाज़ किया।
प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने लिखने का काम अपने बेटे सनी को दिया✍️
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