
कैसा है हमारा देश आज क्या है हमारे देश का हाल ।
एक पोस्टर में काली के हाथों में जलती हुई सिगरेट दिखाई जाती जानबूझ कर मचा दिया जाता बवाल ।
क्यों हर बार कुछ लोग धर्म और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते ।
ऐसे दृश्य फिल्माने से पहले क्यों कुछ डायरेक्टर और प्रड्यूसर बिलकुल नहीं डरते ।
लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने से पहले क्यों ऐसे लोग डूबके नहीं मरते ।
जान बूझ कर रोज़ किसी ना किसी धर्म का मज़ाक बनाया जाता ।
कभी श्री गुरु ग्रंथ साहब के पन्नों को पाड़ दिया जाता तो कभी शिवलिंग को तोड़ दिया जाता ।
कभी कुरान का भी अपमान किया जाता ।
लेकिन सोचने वाली बात तो ये है किसके कहने पर ये सब किया जाता ।
कुछ लोग अपने धर्म के नाम पे आवाज़ उठाते है लेकिन फिर कुछ दिनों बाद मामले को शांत करवा दिया जाता ।
जो सच बोलता हो या लिखता हो अक्सर हमारे देश में उसे मरवा दिया जाता ।
अक्सर हमारे देश में धर्म के नाम पे दंगों को भड़का दिया जाता ।
कितने मासूमों का खून अक्सर दंगों में बहा दिया जाता ।
उन मां बाप का क्या कसूर जिनके घर के चिरागों को बुझा दिया जाता ।
कभी किसी मासूम के सामने उसके मां बाप को मार के उस मासूम को अनाथ कर दिया जाता ।
जो लोग जानबूझ कर किसी धर्म का मज़ाक बनाते है और लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते है ऐसे लोगों को बाहर खुला क्यों छोड़ा है इन्हें क्यों नहीं जेल में डाल दिया जाता ।
जब तक लोग भड़क कर सड़कों पर नहीं आते अपने धर्म को बचाने के लिए उससे पहले क्यों किसी भी सरकार से कोई एक्शन नहीं लिया जाता ।
प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां के आशिर्वाद के बिना सनी से एक शब्द तक नहीं लिखा जाता ✍️
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