
जिनकी गाई हुई तमाम गज़ले आज भी लोगों ने अपने दिलों में है बसाई।
आज जन्मदिन के मौके पर गज़ल किंग के नाम से जाने जाते जगजीत सिंह जी की याद बड़ी आई ।
ऐसी मधुर आवाज़ में जगजीत सिंह जी थे गाते ।
जगजीत सिंह को सुनने वाले अक्सर पूरी तरह से इनकी गजलों में थे खो जाते ।
8फरवरी यानी आज ही के दिन जगजीत सिंह साहब का जन्म हुआ था ।
एक वक्त ऐसा था हर कोई इनकी आवाज़ और इनकी गजलों का दीवाना हुआ था।
सरकारी स्कूल और फिर खालसा कॉलेज से की थी जगजीत सिंह ने पढ़ाई।
हर गज़ल जगजीत सिंह से शानदार से शानदार सुनाई।
पहले इनका नाम जगजीवन सिंह रख दिया गया ।
लेकिन बाद में इन्हें गज़ल किंग जगजीत सिंह का नाम दिया गया।
जगजीत सिंह के पिता इन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे ।
लेकिन जगजीत सिंह तो कुछ अलग ही करना चाहते थे।
साल 1965में घरवालों को बिना बताएं जगजीत सिंह मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने निकल पड़े।
फिर एक दिन वो चित्रा दत्त से थे मिले ।
जगजीत सिंह और चित्रा दत्त ने एक साथ खूब काम किया।
4साल के बाद जगजीत सिंह और चित्रा दत्त ने अपना घर बसाने का फैसला लिया ।
प्रभु ने इनको एक बेटा विवेक था दिया ।
लेकिन जब विवेक 18साल का हुआ था तभी एक सड़क हादसे में जगजीत सिंह और चित्रा दत्त ने अपने जवान और इकलौते बेटे को हमेशा हमेशा के लिये खो दिया ।
एक वक्त दोनों ने गाना छोड़ दिया ।
फिर अपने बेटे की याद में जगजीत सिंह ने"( चिट्ठी ना कोई संदेश’, जाने वो कौन सा देश जहां तुम चले गए’)जब गा कर सुनाई।
वो ग़जल सुनकर हर किसी की आंख भर आई ।
अरसे बाद चित्रा सिंह भी बनारस के हनुमान मंदिर में सार्वजनिक मंच पर नज़र थी आई।
जब लोग बहुत ज्यादा खुश होते है जगजीत सिंह के गानों को चुनते है ।
लेकिन जब दिल टूटता है किसी का तो वो जगजीत सिंह की ग़जल को बार बार सुनते है।
साल 2011में जगजीत सिंह ने इस दुनियां को अलविदा कहने की ख़बर आई ।
कई सुपर हिट गाने और कई प्यार और दर्द भरी गज़ले जगजीत सिंह साहब ने लोगों को सुनाई ।
प्रभु,नीलू दीदी और मेरी मां ने मिलकर अपने बेटे सनी से मशहूर सिंगर जगजीत सिंह की याद में आज की पोस्ट लिखवाई✍️
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