
ऐसे डॉक्टर आज कल बहुत ही कम मिलते है।
जो सच्चे दिल से लोगों का इलाज करने के लिए घर से निकलते है।
आज कल के ज्यादा तर डॉक्टरों को नहीं आता लोगों पे रहम।
लोगों के दिलो में डाल देते ये रोज़ नया वहम।
आज कल के कुछ डॉक्टरों ने लूट मचा रखी है।
ऐसा लगता है इन्होंने शर्म बेच रखी है।
अच्छे और सच्चे डॉक्टर हिन्दुस्तान में बहुत कम है।
जिनके पास इलाज़ के लिए पैसे नहीं उन्हें इस बात का बहुत गम है।
मर चुके इंसान को ऑक्सीजन लगाते।
उसके घरवालों के हाथ में लाखों का बिल थमाते।
प्रभु से ये जरा ना घबराते।
अगर गलती से इनके ऑपरेशन में कोई मर जाता तो उसे ये प्रभु की मर्ज़ी बताते।
और अगर किसी को ये बचा ले तो खुद को भगवान से कम ना बताते।
अच्छे डॉक्टर वो होते जो दिल से अपना फ़र्ज़ निभाते।
वरना कुछ डॉक्टर तो मरीज़ की हैसियत देख कर उसके फालतू के टेस्ट करवाते।
कुछ डॉक्टर अपने ही हॉस्पिटल में लेबोरटरी और मेडिकल स्टोर सिर्फ मरीजो को लूटने के लिऐ खुलवाते।
ये सब सच में होता है।
इसलिए प्रभु नीलू दीदी और मेरी मां मिलकर अपने बेटे सनी को रोज़ थोड़ा थोड़ा लिखना सिखाते✍️
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