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March 8, 2022
सूति ऊठ पुजी || भोजपुरी रचना || एम ए हबीब इस्लामपुरी || Arman islampuri

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सूति ऊठ पुजी रानी तोहर मुरतिया।
तबहु ना देखे मिले काबो सूरतिया।
ऐसन सुहाना लागे तोहर हमके बोलिया।
जैसे पिरोवल होखे बोलिया में मोतिया।
होंठवा जो खुलेला दिलवा ई खिले ला,
काहें ना करे लू रानी हमसे तू बतिया।
सूति ऊठ पुजी रानी तोहर मुरतिया।
तबहु ना देखे मिले काबो सूरतिया।
नैना से मिलल रहे नैना अजब के।
दिलवा में खीलल रहे फुलवा गजब के।
रह रह के आवे याद बीतल उ दिनवा,
आइल रहु गोरी जब हमरे तू गोदिया।
सूति ऊठ पूजी रानी तोहर मुरतिया।
तबहु ना देखे मिले काबो सूरतिया।
कवना खता के ई सज़ा हमरा मिलता।
जुदाई में तोहरा ई दीवाना अब त मरता।
मिलादा विधाता तू एक बार उनसे,
करेजवा में बसल बा जेकर सूरतिया।
सूति ऊठ पुजी रानी तोहर मुरतिया।
तबहु ना देखे मिले काबो सूरतिया।
✍एम ए हबीब इस्लामपुरी
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