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नीम के दरख़्त की पहचान
सुनो दोस्तो मैंने
ख़त्म करदी है
अपनी सब दास्तान
और समा दी है
नीम के दरख़्त में
अपनी पूरी पहचान
तुम कभी ढूंढने को
तो मत लेना मेरा नाम
पूछना कहां रहता है
वह बावला सा
गुमनाम इंसान
जिसने तर्क कर दिए
दरख़्त की ख़ातिर
धरती और आसमान
और जिसका नीम के
दरख़्त के अलावा
कोई नहीं निशान
इस्लाम शेरी
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