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मानवता का हनन
कई दूर से चली आंधी ने
ना जाने कितनो पर धूल जमा दी,
एक मासूम के अंश मे
ना जाने कोन से राक्षस को बिठा गई ,
हर चीज़ को खिलौना समझने वाले
अब इंसानों का भी मोल लगाने लगे,
वो हर दर्द से परे अपनी ज़िद पूरी करने लगे
वो यूंही मानवता का हनन करने लगे ,
लोगो की मौत से खेलना
उनका पसंदीदा खेल बन गया
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