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कभी ज़िन्दगी हसीं ख्वाब है।
तो कभी ये मिस्ल ए अज़ाब है। 1
कहीं है अन्धेरों में गुमशुदा
कहीं रोशनी का ख़िताब है। 2
है फ़क़ीर ख़ुद में मगन कहीं
कहीं रो रहा जो नवाब है। 3
कोई बूंद बूंद तरस रहा
कोई पी रहा बेहिसाब है। 4
कहीं जर्द जर्द सी पत्तियां,
तो कहीं पे अहद ए शबाब है। 5
कोई आसमाँ से गिरा अभी,
कोई छूने को बेताब है। 6
कोई जान पाया नहीं अभी
ये सवाल है या जवाब है। 7
- इन्दु प्रकाश
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