ज़िन्दगी's image
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कभी ज़िन्दगी हसीं ख्वाब है।

तो कभी ये मिस्ल ए अज़ाब है। 1

कहीं है अन्धेरों में गुमशुदा

कहीं रोशनी का ख़िताब है। 2


है फ़क़ीर ख़ुद में मगन कहीं

कहीं रो रहा जो नवाब है। 3


कोई बूंद बूंद तरस रहा

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