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प्रेम की अनुभूति,
निश्छल मन में होती है,
छल से मनुष्य,
भौतिक रूप से ही,
प्रसन्न रह सकता है,
रोक-टोक,दमन,हत्या,समझौता,
ये वे ही भौतिक तत्व है,
जो जीवात्मा को,
परमात्मा से,
मिलने
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