राह....'s image
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खुद-ब-खुद देखेंगी, इक दिन मेरी राह वो,

खफा! आखिर कब तक रहेंगी वो,

गिदार्ब मेरी यादों का घेरेगा उसे हर शाम,

मारे गिरियां पुकारेगी मेरा नाम,

उसकी नाराजगी ही उसका ताराज़ है,

तरकीब एक सोची थी मैंने,

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