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जो आन पड़ा सब सहेंगे,
जलते सूरज में हम तपेंगे,
अपने संगर्ष को न गहँगे,
गिर- गिर के दोबारा खड़े हो उठेंगे होंगे,
अपने धैर्य और साहस से पलेंगे,
रोक सकता है तो रोक ले जमीन ऐ आस्मां,
हम वीर हैं, किसी से डरते नहीं,
कभी थकते नहीं कभी थमते नहीं,
शूलों का मूल नसायेंगे,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाएंगे,
हाँ हाँ आपदा देख हमें,
डग मग डग मग कभी होते नहीं,
लक्ष्य साधे आगे बढ़ते रहते हैं,
है साहस किसी में तो रोक के दिखाए,
हम हार कभी मानते नहीं,
हम वीर हैं किसी से डरते नहीं ।
~श्रेय सिन्हा
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