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अपने वजूद से है मुझको प्यार
हर दिन है मेरा इतवार !
अपने कर्तव्यों से नहीं मुझे परेशानी
अपनों पर है मुझे पूरा एतबार
हाँ , हर दिन है मेरा इतवार !
कुछ कर गुज़रने की है मुझमें तमन्ना
नहीं थमेगी जीवन की रफ़्तार
हाँ हर दिन है मेरा इतवार !
क्यों मैं किसी और के नज़रिए से ख़ुद को आँकू
मेरा जीवन चलता उसकी रहमत के अनुसार
हाँ हर दिन है मेरा इतवार !!!
- इला
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