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सीख गया उड़ान ऊंची वो
काँटो पे जिसने चलना सीखा
विजय पा लिया अपने दुःखो पे
दुःखों से जिसने लड़ना सीखा
मात्र एक हुंकार भरने से
अंधेरा छँट जाता है
शून्य में शामिल होते ही
बाकी क्या रह जाता है
हार गया वो जीवन के युद्ध में
क्षण भर में जिसने डरना सीखा
हो गया प्रकाश अंत में
अंधेरो सा जिसने छँटना सीखा
- साहिल मिश्रा
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