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मंज़िल पाने के पहले
आगे चलना पड़ता है
ऊपर उठने से पहले
हल्का होना पड़ता है
टूटे मन से किए गए
प्रयासों का मोल नहीं
बिन परिश्रम प्राप्त हुआ जो
मोल है वो अनमोल नहीं
हीरे मोती पाने के बदले
कोयला होना पड़ता है
थोड़ा पाने के ख़ातिर
थोड़ा खोना पड़ता है
मंज़िल पाने के पहले
आगे चलना पड़ता है
ऊपर उठने के पहले
हल्का होना पड़ता है
मैं ही मैं हूँ कहने वाला
मैं ही में रह जाता है
रणभूमि में जो साथ चले
वीर पुरुष कहलाता है
फूलों का होने से पहले
काँटो का होना पड़ता है
सूर्यवँशी होने से पहले
सूरज बनना पड़ता है
मंज़िल पाने के पहले
आगे चलना पड़ता है
ऊपर उठने के पहले
हल्का होना पड़ता है
मन से सुंदर नहीं होता
तन का जो गुणगान करे
पुरुष होने के नहीं लायक वो
स्त्रियों का जो अपमान करे
तन का होने से पहले
मन का होना पड़ता है
लहरों में बहने से पहले
साहिल का होना पड़ता है
- साहिल मिश्रा
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