यारों ख़ामख़ा हम दरिया से लड़ते रहे's image
1 min read

यारों ख़ामख़ा हम दरिया से लड़ते रहे

I A ShaikhI A Shaikh June 16, 2020
Share0 Bookmarks 232166 Reads0 Likes

यारों ख़ामख़ा हम दरिया से लड़ते रहे 


ज़ख़्म-ए-नफ़रत भी यूँ ही कुरेदते रहे 


कश्ती ही थी झर-झर छेद अलग-से


यादृच्छिक पीड़ा में भी यूँ ही जलते रहे 


कटुता-वचनों-वाणी सीमाएँ तोड़ते रहे 


आपसी तनाव-ओ-सरहदें भी बाँटते रहे 


छूत-अछूता उच्च

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts