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सारे मुल्क़ों को नाज था
अपने अपने परमाणु पर
कायनात बेबस हो गई
एक छोटे से कीटाणु पर
तुं तुच्छ-ओ-अदना कण
साम्राज्य फैलाने चला तुं
पृथ्वी से परे दूजे ग्रह
चंद्र-परिक्रमा परि-भ्रमण
प्रभुजी ने एक ही कीटाणु से
भ्रम तेरा किया रमण-भ्रमण
सजदा भी तेरा गँवारा नहीं
आज बंध हर ⛪️ गिरजा
मंदिर-मस्जिद व गुरुद्वारा
ग़ज़ब कोरोना तेरा आकर्मण
घर बैठे सच्चे दिल से कर ले
तु महान कृपालु प्रभु-स्मरण
बख्श देगा ख़ता वह निरंजन
निराकार लीला है अपरंपार
उसकी दयालु वही तारएाहार
बिनंती सुनिए जग-पालनहार
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