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हम गुनहगार बंदे ऑसु भरी आँखों से
गिड़गिड़ाती अर्ज़ से प्रार्थना करते हैं
हे महान कृपालु जगत पालनहार हम
तुम से बस तुम से तेरी पनाह माँगते हैं
तुम ही विधाता हो तुम ही अन्नदाता हो
तुम से ही हम रहम-ओ-करम माँगते हैं
आपत्ति जल प्रलय
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