Share0 Bookmarks 255307 Reads0 Likes
बंदों की बद-आमाली से
कुदरत का कहेर बरसा हैं
आज कोरोना के नाम पर
सब लोग मज़बूर हो गए हैं
अपने ही घरों में केद होकर
रह गए कोरोना के नाम पर
क़ब्रिस्तान-ओ-स्मशान-से
बने हैं रास्ते हर गाँव हर शहर
बदहाली हैं कोरोना के नाम पर
चंद माह पहले कटते मरते थे
इन्सान सिर्फ़ जाति के नाम पर
आज केंद हैं कोरोना के नाम पर
देखा-अनदेखा सहा प्रभु ने एक
हद तक आज उसने दिखाया रुप
असली अपना कोरोना के
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments