नारी पर आक्षेप's image
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नारी के नारीत्व पर आक्षेप करना बहुत सरल है

मगर बात एक सच कहती हूँ जो कि घातक एक गरल है

है यह बात कोई नयी नहीं कि नारी को अबला बना के प्रस्तुत किया पुरुषों नें

रख कर दांव पर सम्मान नारी का

द्यूत किया पुरुषों नें

छाती पीट कर छाती ढकते

जब द्रुपद पुत्री चिल्लाई थी

तब भी मर्दों तनिक भी लज्जा तुमको तो नहीं आयी थी

 तुमने ही तो अम्बपाली को नगरवधु बनाया था

तब उसने भी अपनी काली नियति को अपनाया था

छुप कर के जब छद्मवेश में देवराज जी आये थीं

हुई कलंकिनी अहिल

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